विजयादशमी 2025: 2 अक्टूबर को शाविन माह का सुप्रसिद्ध तिथि व मुहूर्त

विजयादशमी 2025: 2 अक्टूबर को शाविन माह का सुप्रसिद्ध तिथि व मुहूर्त

विजयादशमी 2025: 2 अक्टूबर को शाविन माह का सुप्रसिद्ध तिथि व मुहूर्त
30/09

जब भगवान राम, हिंदू धर्म के आदर्श नायक का विजय दिवस विजयादशमी 2025भारत पर मनाया जाने वाला है, तो इसे मिस करना मुश्किल है। यह पवित्र त्यौहार 2 अक्टूबर 2025 (गुरुवार) को आएगा, और पूरी भारत में गज़ेटेड छुट्टी के रूप में घोषित है, जिससे स्कूल‑कॉलेज से लेकर सरकारी दफ्तरों तक सब बंद रहेंगे। सबसे बड़ी वजह? यह दिन रावण पर भगवान राम की जीत की याद दिलाता है – बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक।

इस वर्ष का स्पष्ट तिथि‑समय विवरण, शाविन माह के दशमी तिथि के साथ, धार्मिक समारोहों के लिए अहम है। विशेष रूप से विजयादशमी के लिए निर्धारित विजयी मुहूर्त दोपहर 2:09 बजे से 2:56 बजे तक है, जबकि अपाराह्न पूजा का समय लगभग 1:13 बजे से 3:44 बजे तक विस्तारित है। इन समय‑सीमाओं की पुष्टि टाइम्स ऑफ इंडिया और बैंकबाज़ार जैसी विश्वसनीय पंचांग‑सेवाओं ने की है।

इतिहास और पृष्ठभूमि

दशमी की जड़ें वैदिक युग तक पहुंचती हैं, जब रोहिणी नक्षत्र में अष्टमी को अंधकार पर प्रकाश की जीत के रूप में मनाया जाता था। लेकिन इतिहास में सबसे प्रमुख कहानी महाकाव्य रामायण की है, जहाँ रावण, जिसके दस सिर और पाँच हज़ार भुजाएँ थीं, ने सत्ता में आकर द्वारका को जलाने की कोशिश की थी। अंत में 14 दिनों की युद्ध के बाद, भगवान राम ने रावण को बर्शी के साथ पराजित किया, और इस विजय को दशमी के रूप में मनाया गया।

वर्तमान में, भारत के 28 राज्य और 8 केन्द्र शासित प्रदेशों में दशमी को अलग‑अलग रीति‑रिवाजों के साथ धूमधाम से मनाया जाता है। पश्चिम बंगाल में शालीपुत्र की जटिल कड़ाहें, राजस्थान में धूमधाम भरी रावण दहन, और कर्नाटक में बैजANT नर्त्यशैली – ये सब विविधता को दिखाते हैं।

2025 की प्रमुख तिथियां और मुहूर्त

शाविन माह की दशमी तिथि 1 अक्टूबर 2025 की शाम 7:01 बजे से शुरू होकर 2 अक्टूबर 2025 की शाम 7:10 बजे तक चलती है। इसका मतलब है कि आध्यात्मिक अनुष्ठान का मुख्य हिस्सा दो पूर्ण दिवसों में बँटा है। इस दौरान श्रीवन नक्षत्र 2 अक्टूबर को सुबह 9:13 बजे से 3 अक्टूबर को 9:34 बजे तक रहता है, जो कई पण्डितों ने अत्यंत शुभ माना है।

विजयी मुहूर्त, यानी वह समय जब राक्षसों पर जीत का कार्य सबसे फल‑प्रद माना जाता है, 2 अक्टूबर को दोपहर 2:09 बजे से 2:56 बजे तक है। वहीँ, अपाराह्न पूजा का विस्तृत समय 1:13 बजे से 3:44 बजे तक, दो अलग‑अलग स्रोतों के बीच थोड़ी‑सी भिन्नता के साथ, मंदिरों और घरों में अनुष्ठान करने वाले भक्तों को पर्याप्त समय देता है।

रिवाज और पूजा विधि

अपाराह्न अवधि में तीन मुख्य अनुष्ठान किए जाते हैं – शमी पूजा, अपराजिता पूजा और सीमा अवलँघन। शमी पूजा में शमी वृक्ष (सिमला) को पंकज के साथ सजाते हैं और उसके पत्ते को शुब्हकामना के लिए जलाते हैं। अपराजिता पूजा में असुर के सामने अविनाशी देवी का पूजन किया जाता है, जिसे शक्ति‑संकल्प के रूप में माना जाता है। सीमा अवलँघन में घर की सीमा को पार कर नई शुरुआत की घोषणा की जाती है।

पूर्वांचल के कुछ क्षेत्रों में पुजा सामग्री के रूप में कुटनी का प्रयोग होता है, जबकि दक्षिणी भारत में त्रैलोक्य की गंध के साथ पथ पर दीपशिखा जलायी जाती हैं। कई पंडितों का कहना है कि पंडित श्याम सुंदर, जो दिल्ली के प्रसिद्ध श्री राम विद्या मंदिर में मुख्य पुजारी हैं, ने कहा: “इस वर्ष के मुहूर्त में सूर्य की गति विशेष रूप से तेज़ है, इसलिए सुबह 9 बजे के बाद की पूजा अधिक फलदायक रहेगी।”

सरकारी घोषणा और सार्वजनिक कार्यक्रम

भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर 2 अक्टूबर 2025 को गज़ेटेड छुट्टी (G) घोषित किया है, जो उसी दिन महात्मा गांधी के जन्मदिवस के साथ मेल खाता है। इससे कई बँड के शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी कार्यालयों में दोहरी छुट्टी का लाभ मिलेगा। पिछले वर्ष, केंद्रीय रेल ने विशेष वैध ट्रेनों की व्यवस्था की थी, जिसमें भरत केयर स्टेशन पर सजावटी टॉवर और ध्वनि‑प्रकाश प्रभाव स्थापित किए गए थे।

राज्य‑स्तर पर उत्तर प्रदेश में लखनऊ की शास्त्रीय नाट्यसंस्था ने 2 अक्टूबर को एक भव्य रामलीला का आयोजन किया, जबकि केरल में त्रिपुरांतपुरम में जलरंगोली के साथ दहन कार्यक्रम आयोजित हुआ। कई शहरों में स्थानीय प्रशासन ने दहशत‑रोधी उपायों के तहत आग की सुरक्षा के लिए विशेष फायरब्रिगेड को तैनात किया, जिससे बड़ी भीड़ के बावजूद सुरक्षा बनी रही।

भविष्य की दृष्‍टि और सुझाव

विजयादशमी का सांस्कृतिक महत्व तो हमेशा रहेगा, पर डिजिटल युग में इसका स्वरूप भी बदल रहा है। इस वर्ष, कई ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म जैसे YouTube और स्वयंसेवक ऐप ने लाइव प्रसारण एवं दुर्भाग्य‑मुक्ति लक्ष्यीश कार्यक्रम प्रदान किए। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुख्य संपादक ने कहा: “डिजिटल माध्यम से त्योहारों की पहुँच ग्रामीण इलाकों तक भी पहुँच रही है, जिससे अनगिनत लोगों को सही मुहूर्त‑समय की जानकारी मिलती है।”

विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, पण्डितों और स्थानीय पंचायतों को सलाह दी जा रही है कि वे अपने पंचांग‑पीढ़ी को अद्यतन डेटा के साथ शेयर करें, ताकि श्रद्धालु सही समय पर पूजा‑कार्य कर सकें। इसके अलावा, पर्यावरण‑सुरक्षा के लिहाज़ से रावण‑दहन में हानिकारक पदार्थों के प्रयोग पर रोक लगाकर हरे‑भरे विकल्प अपनाने का आग्रह किया गया है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

विजयादशमी 2025 के मुख्य मुहूर्त कब हैं?

विजयी मुहूर्त 2 अक्टूबर 2025 को दोपहर 2:09 बजे से 2:56 बजे तक है। अपाराह्न पूजा का विस्तृत समय 1:13 बजे से 3:44 बजे तक माना गया है। इन समय‑सीमाओं में विशेष अनुष्ठान करने से अधिक फल मिलेगा।

क्या 2 अक्टूबर को सरकारी छुट्टी है?

हाँ, भारत सरकार ने 2 अक्टूबर 2025 को गज़ेटेड (G) छुट्टी घोषित की है। इस दिन सभी केंद्रीय कार्यालय और कई राज्य‑स्तरीय संस्थान बंद रहेंगे।

शामिल होने वाले प्रमुख रिवाज कौन‑से हैं?

मुख्य रिवाजों में शमी पूजा, अपराजिता पूजा और सीमा अवलँघन शामिल हैं। इनके अलावा कई क्षेत्रों में रावण‑दहन, रामलीला और सांस्कृतिक नृत्य का आयोजन भी किया जाता है।

पंचांग में अलग‑अलग समय क्यों दिखते हैं?

हिंदू पंचांग विभिन्न अक्षांश‑देशांतर के आधार पर गणना करता है। इसलिए टाइम्स ऑफ इंडिया और बैंकबाज़ार में छोटे‑छोटे अंतर दिख सकते हैं। स्थानीय पण्डितों से सलाह लेकर अपने क्षेत्र का सही समय लेना बेहतर रहता है।

डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म की भूमिका क्या है?

ऑनलाइन लाइव स्ट्रीमिंग और एप‑आधारित पञ्चांग द्वारा लोग अब घर बैठे ही सही मुहूर्त देख सकते हैं। इससे विशेषकर ग्रामीण इलाकों में जागरूकता बढ़ी है और सुरक्षित तरीके से पूजा‑कार्य संभव हुआ है।

तेज़ी से टिप्पणी करना