ग्रोकिपीडिया लॉन्च के दिन गिर गया, 9 लाख लेखों के साथ शुरू हुआ

ग्रोकिपीडिया लॉन्च के दिन गिर गया, 9 लाख लेखों के साथ शुरू हुआ

ग्रोकिपीडिया लॉन्च के दिन गिर गया, 9 लाख लेखों के साथ शुरू हुआ
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एलन मस्क की कंपनी xAI ने 27 अक्टूबर, 2025 को एक नया ऑनलाइन विश्वकोश ग्रोकिपीडिया लॉन्च किया—लेकिन लॉन्च के कुछ ही घंटों बाद यह प्लेटफॉर्म गिर गया। जब यह फिर से ऑनलाइन आया, तो इसमें 8,85,279 लेख थे, जो लगभग 9 लाख के बराबर हैं। यह विश्वकोश विकिपीडिया का सीधा प्रतिद्वंद्वी है, और मस्क का दावा है कि यह "सच्चाई और स्वतंत्र विकल्प" है। लेकिन शुरुआती उपयोगकर्ताओं ने देखा कि लगभग हर लेख विकिपीडिया से नकल किया गया है—बस फॉर्मेट और संदर्भ बदल दिए गए हैं।

क्यों बनाया गया ग्रोकिपीडिया?

मस्क लंबे समय से विकिपीडिया की "सांस्कृतिक पक्षपातिता" की आलोचना कर रहे हैं। सितंबर 2025 में, उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा: "हम xAI के साथ ग्रोकिपीडिया बना रहे हैं। यह विकिपीडिया से काफी बेहतर होगा। बस, ब्रह्मांड को समझने के xAI के लक्ष्य के लिए यह एक आवश्यक कदम है।" इस विचार का नाम और आइडिया डेविड ओ. सैक्स, व्हाइट हाउस के एआई और क्रिप्टो सीज़र, ने सितंबर के All-In पॉडकास्ट में सुझाया था। उनका मानना था कि विकिपीडिया अब केवल ज्ञान का स्रोत नहीं, बल्कि एक विचारधारागत उपकरण बन गया है।

लॉन्च से पहले क्या हुआ?

मस्क ने 6 अक्टूबर को घोषणा की थी कि ग्रोकिपीडिया का बीटा संस्करण इसी महीने आएगा। लेकिन 20-26 अक्टूबर के बीच, उन्होंने एक अचानक देरी की घोषणा की। उन्होंने X पर लिखा: "हम अभी भी प्रचार को निकालने पर काम कर रहे हैं।" इसका मतलब था कि एआई ने बहुत सारे ऐसे लेख बना दिए थे जो विकिपीडिया से बिल्कुल मेल खाते थे—बस थोड़ा फिर से लिखकर। ग्रोकिपीडिया का एआई, Grok नामक चैटबॉट पर आधारित है, जो X (पहले Twitter) के रियल-टाइम डेटा से सीखता है। लेकिन जब इसे विश्वकोश बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया, तो यह अपने ही डेटा को नकल कर रहा था।

लॉन्च दिन क्या हुआ?

27 अक्टूबर, 2025 को दोपहर 2:00 बजे (UTC) ग्रोकिपीडिया लॉन्च हुआ। होमपेज पर सिर्फ एक सरल सर्च बार थी, जिस पर लिखा था: "ग्रोकिपीडिया v0.1"। लेकिन घंटों बाद, वेबसाइट डाउन हो गई। लोगों ने बताया कि वे सिर्फ "सर्वर त्रुटि" देख पा रहे थे। शाम 8 बजे (UTC) तक यह फिर से चल रहा था। जब लोग लॉग इन हुए, तो उन्होंने देखा कि लगभग 900,000 लेख थे—लेकिन उनमें से 70% विकिपीडिया के समान थे। कुछ लेख तो वर्ड-बाय-वर्ड समान थे, बस संदर्भों को बदल दिया गया था।

विकिपीडिया और ग्रोकिपीडिया: अंतर क्या है?

विकिपीडिया लाखों स्वयंसेवकों द्वारा संपादित होता है। एक लेख बनाने में घंटों, दिनों या हफ्तों लग सकते हैं। ग्रोकिपीडिया ने इसे एआई के जरिए घंटों में किया। लेकिन यहाँ एक बड़ी समस्या है: एआई को अपनी भाषा नहीं, बल्कि दूसरों की भाषा नकल करनी पड़ रही है। यह तकनीकी रूप से "हॉलूसिनेशन" नहीं, बल्कि "कॉपीराइट रिस्क" है। गैज़मोडो ने इसे 2006 के कंजर्वेपीडिया के साथ तुलना की—एक दक्षिणपंथी विश्वकोश जिसे दुनिया भर में एक मजाक माना जाता था।

क्या यह वाकई विकिपीडिया की जगह ले सकता है?

क्या यह वाकई विकिपीडिया की जगह ले सकता है?

नहीं—कम से कम अभी नहीं। विकिपीडिया की विश्वसनीयता इसके लेखों की गुणवत्ता से नहीं, बल्कि उसकी प्रक्रियाओं से आती है: संपादकीय समीक्षा, स्रोतों की जाँच, विवादों का समाधान। ग्रोकिपीडिया के पास इन सबकी कोई व्यवस्था नहीं है। यह एक बड़ा एआई मॉडल है जिसने विकिपीडिया को डाउनलोड कर लिया है और उसे थोड़ा बदलकर बेच रहा है। यह नए ज्ञान का निर्माण नहीं, बल्कि पुराने ज्ञान का फेरबदल है।

अगला क्या होगा?

मस्क ने कहा है कि वर्जन 1.0, वर्जन 0.1 से 10 गुना बेहतर होगा। लेकिन वे नहीं बता रहे कि यह "10 गुना बेहतर" क्या मतलब है। क्या यह अपने लेख अपने आप लिखेगा? या क्या यह विकिपीडिया के बजाय अन्य स्रोतों से जानकारी लेगा? अभी तक, ग्रोकिपीडिया को कोई विश्वसनीय स्रोत नहीं मिला है। यह एक बड़ी टेक्नोलॉजी की चाल है—लेकिन उसका नैतिक और ज्ञानवादी आधार अभी भी अस्पष्ट है।

क्या यह भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए खतरा है?

हाँ। भारत में लाखों छात्र विकिपीडिया पर निर्भर हैं। अगर ग्रोकिपीडिया को अच्छा लग जाए तो यह एआई-जनित गलत जानकारी को फैलाने का नया माध्यम बन सकता है। भारतीय भाषाओं में विकिपीडिया के लेख अभी भी कम हैं। अगर ग्रोकिपीडिया हिंदी या बांग्ला में लेख बनाने लगे, तो यह बहुत खतरनाक हो सकता है—खासकर अगर वे विकिपीडिया के लेखों को गलत तरीके से अनुवाद कर दें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

ग्रोकिपीडिया क्या है और यह विकिपीडिया से कैसे अलग है?

ग्रोकिपीडिया xAI द्वारा बनाया गया एक एआई-जनित ऑनलाइन विश्वकोश है, जिसे 27 अक्टूबर, 2025 को लॉन्च किया गया। इसका उद्देश्य विकिपीडिया के "पक्षपात" को दूर करना है। लेकिन वास्तव में, इसके लगभग 70% लेख विकिपीडिया से नकल किए गए हैं। अंतर यह है कि विकिपीडिया मानव संपादकों द्वारा जाँचा जाता है, जबकि ग्रोकिपीडिया केवल एआई द्वारा उत्पन्न होता है—बिना किसी नैतिक या संपादकीय नियंत्रण के।

ग्रोकिपीडिया क्यों लॉन्च के बाद गिर गया?

ग्रोकिपीडिया के लॉन्च के तुरंत बाद लाखों उपयोगकर्ता एक साथ उस पर आ गए, जिससे सर्वर ओवरलोड हो गया। यह एक तकनीकी समस्या थी, लेकिन इसकी वजह यह भी थी कि एआई ने अचानक 9 लाख लेख तैयार कर दिए, जिससे डेटा ट्रैफिक असामान्य रूप से बढ़ गया। इसके अलावा, कई उपयोगकर्ताओं ने लेखों की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें कीं, जिससे बाहरी हमलों की आशंका भी बढ़ी।

क्या ग्रोकिपीडिया विकिपीडिया को बदल सकता है?

अभी नहीं। विकिपीडिया की ताकत उसके संपादकों की विविधता और लंबे समय तक चली आ रही संपादकीय प्रक्रियाओं में है। ग्रोकिपीडिया के पास इनमें से कोई भी नहीं है। यह एक तकनीकी दिखावा है—एक एआई का नकली ज्ञान। अगर यह वास्तविक जानकारी बनाने लगा, तो तभी यह विकिपीडिया के लिए खतरा बन सकता है। अभी तक, यह एक बड़ा ब्रांडिंग अभियान है।

ग्रोकिपीडिया के लेखों का उपयोग करना सुरक्षित है?

नहीं। चूँकि इसके लेख विकिपीडिया से नकल किए गए हैं, लेकिन स्रोत नहीं दिए गए हैं, यह न केवल नैतिक रूप से संदिग्ध है, बल्कि कानूनी रूप से भी जोखिम भरा है। अगर कोई छात्र या शोधकर्ता इसका उपयोग करता है, तो वह गलत या अधूरी जानकारी पर आधारित निष्कर्ष निकाल सकता है। एआई के जरिए नकल किए गए लेख अक्सर छिपे हुए तथ्यों और गलतियों से भरे होते हैं।

एलन मस्क का ग्रोकिपीडिया के साथ क्या लक्ष्य है?

मस्क का लक्ष्य विकिपीडिया के जैसे "पक्षपाती" ज्ञान स्रोतों को चुनौती देना है। वे चाहते हैं कि एआई अपने आप ब्रह्मांड को समझे—लेकिन अभी तक यह बस विकिपीडिया की नकल कर रहा है। उनका वास्तविक लक्ष्य शायद डिजिटल ज्ञान पर नियंत्रण हासिल करना है। अगर ग्रोकिपीडिया सफल हो गया, तो यह एक नया नियंत्रण बिंदु बन जाएगा—जहाँ एआई यह तय करेगा कि कौन सी जानकारी "सच" है।

क्या ग्रोकिपीडिया को भारतीय भाषाओं में लॉन्च किया जाएगा?

अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। लेकिन अगर यह हिंदी, तमिल या बांग्ला में लॉन्च हुआ, तो यह बहुत खतरनाक हो सकता है। भारत में एआई-जनित जानकारी की भरमार है, और अगर ग्रोकिपीडिया गलत अनुवाद या राजनीतिक झूठ फैलाने लगा, तो यह सामाजिक अशांति का कारण बन सकता है। अभी तक, यह केवल अंग्रेजी में ही उपलब्ध है।

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