जब चक्रवाती फेंगलउत्तरी तमिलनाडु और पुडुचेरी के तट ने लैंडफ़ॉल किया, तो सभी ओर से हवा और बारिश ने अपना पूरा जोर दिखा दिया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 22:30 से 23:30 IST के बीच 70‑90 किमी/घंटा की तेज़ हवाओं की सूचना जारी की, जिससे तमिलनाडु‑पुडुचेरी के कई जिलों में जलजमाव और ध्वस्त इमारतें दिखी।
फेंगल की उत्पत्ति बंगाल की नरम समुद्री सतह से हुई एक गहरी कमी (डीप डिप्रेशन) से हुई, जिसे डॉ. मृत्युंजय मोहापात्रा, डायरेक्टर‑जनरल of भारत मौसम विज्ञान विभाग ने सुबह 08:00 IST पर चेतावनी जारी की। उनके अनुसार, इस प्रणाली में 120 किमी तक का हवावर्ग फैला हुआ था, और जलवायु मॉडल ने अगले 48 घंटे में 150‑200 मिमी तक वर्षा का अनुमान लगाया था।
संकट के दिन, फेंगल लगभग 15 किमी/घंटा की गति से उत्तर‑पश्चिम की ओर बढ़ रहा था। इस दौरान, IMD के INSAT‑3D उपग्रह ने लैंडफ़ॉल के ठीक पूर्व में स्थित करैकाल और महाबलीपुरम को केंद्र बनाकर घूर्णन गति को रिकॉर्ड किया।
लैंडफ़ॉल के बाद, विभाग ने अगले 3‑6 घंटों में तूफान के धीरे‑धीरे कमजोर हो कर एक डीप डिप्रेशन में बदलने की चेतावनी दी।
एम.के. स्टालिन, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने तत्काल एक हाई‑लेवल मीटिंग बुलाई। इस मीटिंग में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) के सात टीमें थिरुवरूर, मायिलादुत्रई, नागपट्टिनम और कड्डालोर में तैनात की गईं। साथ ही, तमिलनाडु राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) ने 12 नियंत्रण कक्षों को सक्रिय कर सतत निगरानी शुरू की।
हवाई अड्डा भी बंद कर दिया गया था: चेन्नई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (MAA) को रात 20:00 IST से सुबह 10:00 IST तक पूरी तरह से बंद रखा गया, जिससे 10,000 से अधिक यात्रियों को अस्थायी रूप से रूकना पड़ा।
रिलिफ कैंप भी तैयार हुए—कड्डालोर में 42 कैंप, प्रत्येक में 200 लोग रह सकेंगे। प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए, स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमणियन ने सभी जिला अस्पतालों में आपातकालीन स्टाफ को 100 % तक बढ़ाने का आदेश दिया।
बिजली की शाखा टूट गई: नागपट्टिनम में 87 गाँवों में लगभग 15,000 घरों में बिजली बंद रही। जलजमाव इतना जादा था कि चेन्नई के रांगनाथन सबवे में पूरी तरह से पानी भर गया, और स्थानीय लोग नाव में चलकर ही निकल पाए।
अखबारों ने रिपोर्ट किया कि कई जर्जर छत वाले घरों में छत उड़ते देखी गई, और फेंगल की हवाई दाब 980 हेक्टोपास्कल तक गिर गई।
IMD ने कहा कि फेंगल अगले दो दिनों में धीरे‑धीरे कमजोर होकर पश्चिम‑दक्षिण‑पश्चिम दिशा में चलते हुए 18:00 IST तक एक सामान्य निम्न‑दाब क्षेत्र में बदल जाएगा। इस दौरान, कर्वँकल और मैह में हल्की‑भारी बारिश जारी रहने की संभावना है।
राहत कार्य में दो भारतीय नौसेना के ओफ़शोर पटरोल वेसल—INS सुखन्या और INS सुमेधा—को तैनात किया गया, ताकि नदियों और नालियों में फँसे लोगों को बचाया जा सके। साथ ही, राजस्व सचिव राजा गोपाल शंकरनारायणन ने 5,000 लाइफ़जैकट और 300 इन्फ्लेटेबल बोटें जिले के कलेक्टर्स को वितरण करवाईं।
भविष्य में, हर साल दो बार बाद के मौसम में होने वाले चक्रवातों से निपटने के लिए राज्य ने एक नया आपदा जोखिम मूल्यांकन मॉडल तैयार करने की योजना की है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मॉडल जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ते तीव्र तूफानों को बेहतर ढंग से झेलने में मदद करेगा।
नागपट्टिनम, कड्डालोर और चेन्नई में जलजमाव, बिजली कटौती और संरचनात्मक क्षति सबसे अधिक रही। विशेषकर रांगनाथन सबवे के आसपास के इलाकों में पूरी तरह से पानी भर गया था।
सरकार ने 42 राहत शिविर स्थापित किए, NDRF की सात टीमें तैनात की, और भारतीय नौसेना के दो पोर्ट ट्रांसपोर्ट वेसल को समुद्री बचाव के लिए भेजा। इसके अलावा, बिजली विभाग ने 15,000 घरों को वैकल्पिक जनरेटर से कनेक्ट किया।
कई निचले-स्थल क्षेत्रों में 150‑200 मिमी की अत्यधिक बारिश ने धान के बागानों में जलभराव कर दिया। हालांकि, कुछ समुद्री तटवर्ती किसान ने मौसम के बाद के वर्षा जल से स्निचित जलसिंचन का लाभ उठाया।
IMD ने अगले दो दिनों में बटोराई और कड्डालोर में हल्की‑भारी बारिश की संभावना जताई, तथा पश्चिम‑दक्षिण‑पश्चिम दिशा में प्रवाह गति 15 किमी/घंटा के साथ डिप्रेशन में बदलने का अनुमान दिया।
इसी साल दो बड़े चक्रवातों के बाद राज्य ने आपदा प्रबंधन में डेटा‑ड्रिवेन मॉडल को अपनाने की बात की है, ताकि भविष्य में तेज़ हवाओं और भारी बरसात से अधिक प्रभावी तरीके से निपटा जा सके।
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